सफलता की कहानी: कोरोना महामारी के बाद दुनिया में काम से लेकर रहन-सहन तक कई बदलाव आए और इसका सबसे बड़ा उदाहरण वर्क फ्रॉम होम है। कई लोग आज भी ऑफिस का सारा काम अपने घर से ही कर रहे हैं। आज हम आपको एक ऐसे ही शख्स की कहानी बताने जा रहे हैं जो लॉकडाउन के दौरान अपने गांव लौटा और फिर घर से काम करते हुए खेती करने लगा। लहसुन की खेती से आज यह व्यक्ति लाखों रुपये तक सालाना कमा रहा है।
आजकल बहुत से किसान अपनी फसल का सही दाम न मिलने के कारण खेती छोड़कर कोई अन्य रोजगार खोजने को विवश हैं। वहीं कई किसान ऐसे भी हैं जो नए तरीके से फसल उगाकर लाखों का मुनाफा कमा रहे हैं। ऐसे ही एक किसान हैं मध्यप्रदेश के रतलाम जिले के रियावन के रहने वाले कपिल धाकड़ और उनके छोटे भाई सुनील धाकड़, जो लहसुन की खेती कर लाखों की आमदनी कर रहे हैं और इससे उन्होंने सफलता की एक नई कहानी लिख दी है।
कमाल की बात तो यह है कि कपिल धाकड़ एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं जो वर्तमान समय में वर्क फ्रॉम होम के जरिये ऑफिस का काम और खेती दोनों कर रहे है और साथ में उनके छोटे भाई सुनील धाकड़ अपनी पढ़ाई पूरी होने के बाद पूरी तरह से खेती का काम कर रहे है।
आपको बता दे की कपिल धाकड़ ने Christian Eminent college Indore से Bsc Computer science की डिग्री हासिल की और NIMCET 2017 में ऑल इंडिया 183वीं रैंक हासिल की और National Institute of Technology Surathkal, Karnataka (NITK) से MCA की डिग्री प्राप्त कर वर्तमान समय MNC सॉफ्टवेयर कंपनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर के पद पर कार्यरत है। और उनके छोटे भाई सुनील धाकड़ ने भी Christian Eminent college Indore से Bsc Computer science की डिग्री हासिल की और NIMCET 2017 में ऑल इंडिया 970वीं रैंक हासिल की और उसके बाद सुनील ने National Institute of Technology Raipur, Chattisgarh (NITR) से MCA की डिग्री लेकर वर्तमान समय में खेती कर रहे है।
नौकरी छोड़ खेती करने का लिया फैसला
कपिल धाकड़ के छोटे भाई सुनील धाकड़ ने लाखों रूपये की नौकरी को ठुकराकर खेती को चुना। पढ़ाई पूरी होने के बाद सुनील धाकड़ को नोएडा में एक अच्छी कंपनी से लाखों रूपये का ऑफर मिला था लेकिन खेती में अधिक रूचि होने के कारण उन्होंने खेती को अधिक महत्व दिया और वर्तमान समय में अपने पिताजी (ईश्वरलाल जी धाकड़) और भाई (कपिल धाकड़) के साथ खेती कर रहे है।
कपिल धाकड़ ने किसान हेल्पलाइन को बताया, “मैं एक किसान परिवार से आता हूं। मैंने पिताजी को खेती करते देखा है। लॉकडाउन के दौरान, जब मैं गांव लौटा तो सोचा कि खेती के काम में घरवालों की मदद की जाए।
कपिल बताते हैं, “मैं जब गांव आया, तब मैंने सोच लिया था कि लॉकडाउन के समय का उचित उपयोग करूंगा। रियावन सिल्वर के नाम से मशहूर लहसुन और अन्य फसलों की खेती के लिए मैंने अपने छोटे भाई सुनील धाकड़ की मदद की। इस बीच मेरा work from home चल रहा था। मुझे अपने ऑफिस का काम भी करना होता था। मैं फ्री समय पर खेतों में जाकर फसल की देखरेख करता रहता हूँ।
रियावन सिल्वर लहसुन को किस तरह मिली पहचान
कपिल ने किसान हेल्पलाइन को बताते हुए कहा की रियावन सिल्वर लहसुन की किस्म हमारे दादाजी की देन है, दादाजी ने इस किस्म को देसी लहसुन में से कुछ अच्छी कलियों को चुन कर इनकी बुवाई की और फिर इसी तरह उन्होंने हर वर्ष इसकी बुवाई कर उत्पादन को बढ़ाया और एक अलग क्वालिटी की लहसुन की पैदावार की और मंडी में इसको बेचने पर अच्छा दाम मिलता। इस उन्नत किस्म को देखकर इन्ही के गांव के नाम पर मंडी व्यापारियों ने इसको रियावन सिल्वर लहसुन की पहचान दी।
20 बीघा जमीन के साथ लीज पर जमीन ले कर करते है खेती
वर्तमान समय में 20 बीघा जमीन के साथ साथ लीज पर जमीन ले कर खेती करते है। जिसमें मुख्य रूप से लहसुन की खेती करते है और उसमे भी रियावन सिल्वर किस्म की लहसुन और अन्य किस्मों की खेती करते है। लहसुन के अलावा गेहूं, चना, अलसी, मसूर और खरीफ के मौसम में सोयाबीन की खेती करते है। कपिल ने आगे बताया की लहसुन का उत्पादन प्रति एकड़ 40-45 क्विंटल प्राप्त करते है।
रियावन फार्म फ्रेश प्रोड्यूसर कंपनी के नाम से FPO भी बनाया
कपिल आगे बताते हैं हमने गांव के कुछ युवा साथियों के साथ मिलकर रियावन फार्म फ्रेश प्रोड्यूसर कंपनी के नाम से किसान उत्पादक संगठन (FPO) भी बनाया है, जो रतलाम जिला प्रशासन और उद्यानिकी विभाग के साथ मिल कर रियावन लहसुन को जीआई टैग (GI TAG) दिलाने के लिए कार्यरत है।
राष्ट्रीय नवाचार संस्थान गांधीनगर गुजरात और कृषि विज्ञान केंद्र कालूखेड़ा रतलाम के साथ मिल कर रियावन लहसुन को एक फार्मर वैरायटी के रूप में पहचान दिलाने में भी कपिल कार्यरत है।
आपको बता दे कपिल धाकड़ का एक यूट्यूब चैनल भी है जो "कृषि जानकार" के नाम से है, इस यूट्यूब चैनल के माध्यम से कपिल किसानों को समय-समय कृषि सलाह और लहसुन की खेती के बारे में जानकारी प्रदान करते रहते है।
कपिल कहते हैं, 'आज के युवा खेती को एक अवसर के रूप में देखें। नई तकनीक से कृषि में बहुत कुछ अच्छा किया जा सकता है। खेती एक ऐसा व्यवसाय है, जिसे पार्ट टाइम या फुल टाइम दोनों तरह से किया जा सकता है।
रियावन सिल्वर लहसुन की पूरी जानकारी जानिए कपिल धाकड़ से: